कक्षा 10 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक "क्षितिज भाग 2" में शामिल "बालगोबिन भगत" कहानी प्रसिद्ध लेखक रामबृक्ष बेनीपुरी की रचना है। बेनीपुरी एक प्रमुख हिंदी लेखक और पत्रकार थे, जिनकी रचनाएँ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी सोच और संवेदनशीलता के लिए जानी जाती हैं।
"बालगोबिन भगत" कहानी में लेखक ने एक स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी बालगोबिन भगत के जीवन और संघर्षों को चित्रित किया है। कहानी में बालगोबिन भगत के सामाजिक कार्य, उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका और उनके अदम्य साहस का वर्णन है।
बालगोबिन भगत एक गरीब किसान का बेटा था, जिसने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया और अपने समाज के लिए एक आदर्श स्थापित किया। वह अपने गाँव में शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए काम करता है, और अपने सिद्धांतों के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है।
कहानी में बालगोबिन भगत की जीवन यात्रा और संघर्षों के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए व्यक्तिगत बलिदान और प्रतिबद्धता आवश्यक है। भगत के चरित्र के माध्यम से लेखक ने समाज में सुधार और स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया है।
"बालगोबिन भगत" कहानी का महत्त्व इस बात में है कि यह हमें स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायकों की गाथा और उनके जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं से परिचित कराती है। यह कहानी छात्रों को यह समझने में मदद करती है कि कैसे एक व्यक्ति की दृढ़ता और समर्पण समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं। रामबृक्ष बेनीपुरी की यह रचना सामाजिक आदर्शों और राष्ट्रसेवा के महत्व को दर्शाती है और छात्रों को प्रेरित करती है कि वे भी समाज के उत्थान और सुधार के लिए अपने प्रयास करें।